मंसूर राद्जाबोव और ओडिल सफ़ारोव
छिद्रों के आकार का वितरण सुखाने के तर्कसंगत तरीके को निर्धारित करने में बहुत बड़ा प्रभाव डालता है, जिसमें हाइग्रोस्कोपिक गुणों और नमी की बंधन ऊर्जा की जांच की संयुक्त विधि शामिल है। इसलिए फलों को सुखाने के लिए आधुनिक उपचार विधियों और अपरंपरागत तरीकों की शुरूआत की गई है, ताकि नए उत्पाद तैयार किए जा सकें, जिनमें हाइग्रोस्कोपिक गुणों के शोध और गणितीय विवरण की आवश्यकता होती है। इस अध्ययन में लागू तुलनात्मक विश्लेषण की विधि सूखे उत्पादों में पानी की छिद्रों की गतिविधि और अन्य मापदंडों के व्यास को निर्धारित करने का अवसर देती है।