बुढ़ापा को जैविक उम्र बढ़ने के रूप में भी जाना जाता है। इसका तात्पर्य व्यक्ति के दैनिक कार्यों में धीरे-धीरे होने वाली कमी से है। विभिन्न पर्यावरणीय कारक भी बुढ़ापे के लिए जिम्मेदार हैं, उदाहरण के लिए: त्वचा की उम्र बढ़ना।
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