रेहम मुहम्मद मुस्तफ़ा अलमोसावी
खाद्य जनित बीमारी भी खाद्य विषाक्तता से संबंधित है, जिसे किसी भी बीमारी के रूप में परिभाषित किया जाता है जो दूषित भोजन के सेवन से उत्पन्न होती है जो सूक्ष्मजीवों (बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी और कवक) से जुड़ी होती है, आमतौर पर सबसे अधिक प्रकोप एस.ऑरियस, ई.कोली, साल्मोनेला टाइफी, लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स, कैम्पिलोबैक्टर जीजुनी, विब्रियो कोलेरा जैसे जीवाणु रोगजनकों के अंतर्ग्रहण के कारण होता है। यह बीमारी आमतौर पर संक्रमित लोगों के आंतों के मार्ग में सूक्ष्मजीवों से विष के स्राव के परिणामस्वरूप होती है। यह शोध इराक के बसरा जिले में बेतरतीब ढंग से वितरित रेस्तरां से कुछ खाद्य जनित संक्रामक जीवाणु और कवक एजेंटों के अलगाव और पहचान पर कर रहा है। बर्गीज़ मैनुअल ऑफ़ डिटरमेनेटिव बैक्टीरियोलॉजी के आधार पर रोगजनक प्रजातियों का पता लगाने के लिए जैव रासायनिक प्रतिक्रिया के अलावा चयनात्मक और विभेदक संवर्धन मीडिया का उपयोग करके २०१९ के पहले महीने से २०२० के दूसरे महीने तक की अवधि के दौरान बैक्टीरिया और फंगल रोगजनकों का पता लगाने के लिए कुल २४० रेस्तरां के नमूने एकत्र किए गए और जांच की गई, हमारे परिणामों में कुल सकारात्मक आइसोलेट्स १७५ का पता चला, जिसमें पॉलीमाइक्रोबियल नमूने शामिल थे जिनमें १३५ सकारात्मक बैक्टीरियल आइसोलेट्स एस.ऑरियस ४७ (३४.८१%) थे, उसके बाद ई.कोली ३३ (२४.४४%), साल्मोनेला एसपीपी. ३१ (२२.९६%) और कैम्पिलोबैक्टर एसपीपी. २४ (१७.७७%) थे, जबकि फंगल पॉजिटिव आइसोलेट्स १७५ में से ४० थे 17 ( 42.5%) .