स्टीफन डाहलबर्ग और सोरेन होल्मबर्ग
समाज के सुचारू रूप से चलने के लिए किस तरह की संस्थाओं का भरोसेमंद होना सबसे ज़रूरी है? पिछले शोधों ने इस समस्या को जिस हद तक संबोधित किया है, उसमें चुनावी, न्यायिक और आर्थिक संस्थाओं और लोक प्रशासन में भरोसे को समाज के कामकाज के लिए सबसे ज़रूरी बताया गया है। हालाँकि, यह समस्या एक अधिक गहन शोध दृष्टिकोण के लायक है, जहाँ विभिन्न प्रकार की संस्थाओं में भरोसे की तुलना राजनीतिक प्रणालियों में व्यवस्थित रूप से की जाती है। अध्ययन पाँच अलग-अलग डेटा स्रोतों पर आधारित है: तीन एकत्रित डेटासेट (CSES, WVS और ESS), और स्वीडिश नागरिकों के दो सर्वेक्षण (SOM और लोर सिटिजन पैनल)। जब शासन समर्थन (और वैधता) की बात आती है तो संस्थागत भरोसा मायने रखता है; विशेष रूप से चुनावी और न्यायिक संस्थाओं में भरोसा। सरकार की गुणवत्ता भी मायने रखती है। हालाँकि, इस मामले में आर्थिक कारक कम मायने रखते हैं। राजनीतिक कारक हावी होते हैं, आर्थिक नहीं। राष्ट्र तब सफल होते हैं जब चुनावी और न्यायिक संस्थाओं में भरोसा होता है और जब निष्पक्ष लोक प्रशासन होता है।