राकेश कुमार ऋषि, राकेश के. पटेल, और अनिल भंडारी
प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं (एडीआर) की स्वतःस्फूर्त रिपोर्टिंग फार्माकोविजिलेंस में एक महत्वपूर्ण तरीका है, लेकिन कम रिपोर्टिंग और रिपोर्ट की खराब गुणवत्ता इसकी बड़ी सीमाएं हैं। इस अध्ययन का उद्देश्य भारत में चिकित्सकों द्वारा एडीआर की कम रिपोर्टिंग के कारणों की जांच करना था। एडीआर की कम रिपोर्टिंग पर चिकित्सकों की राय का आकलन स्व-प्रशासित, अनाम प्रश्नावली द्वारा किया गया था। इस पायलट अध्ययन में, देश भर के कुल 100 डॉक्टरों ने प्रश्नावली का जवाब दिया। कुल 81% उत्तरदाता पुरुष थे और शेष 19% महिलाएं थीं जिनकी औसत आयु 43.54 वर्ष थी। सर्वेक्षण किए गए चिकित्सक अलग-अलग पृष्ठभूमि से थे और उनके पास अलग-अलग चिकित्सा योग्यताएं थीं। अधिकांश उत्तरदाताओं (96%) ने कहा कि बाजार में उपलब्ध सभी दवाएं सुरक्षित नहीं हैं इस पायलट अध्ययन में चिकित्सकों को अध्ययन प्रश्नावली में कम रिपोर्टिंग के लिए एक से अधिक कारण चुनने की अनुमति दी गई थी। सभी चिकित्सकों ने कम रिपोर्टिंग के लिए एक या दूसरे कारण का हवाला दिया। 100 चिकित्सा चिकित्सकों से कुल 328 उत्तर प्राप्त हुए (औसत प्रतिक्रिया 3.28 प्रति चिकित्सा व्यवसायी)। हमारा अध्ययन इच्छुक चिकित्सकों को फार्माकोविजिलेंस पर अधिक प्रशिक्षण शामिल करने का सुझाव देता है, जिसमें रिपोर्टिंग के प्रशिक्षण के महत्व पर अधिक जोर दिया जाता है। यह भी निष्कर्ष निकाला गया है कि एडीआर की रिपोर्टिंग में बाधाओं की समझ को बेहतर बनाने और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है, इसके लिए और अधिक शोध करने की तत्काल आवश्यकता है।