इस अध्ययन का उद्देश्य
वयस्क इंसुलिन पर निर्भर मधुमेह रोगियों और गैर-मधुमेह रोगियों के बीच पहले दाढ़ के कोरोनल पल्प के आयामों में अंतर निर्धारित करना और पल्प पत्थरों की उपस्थिति रिकॉर्ड करना था। अध्ययन समूह के रोगियों में 56 इंसुलिन पर निर्भर मधुमेह रोगी (औसत आयु 36.8 वर्ष) शामिल थे। नियंत्रण समूह में 56 गैर-मधुमेह विषय (औसत आयु 35.5 वर्ष) शामिल थे, जिन्हें हमारे क्लिनिक में भेजा गया था ।
रेडियोग्राफिक परीक्षा की गई, जिसमें
प्रत्येक रोगी के लिए पहले दाढ़ के पेरियापिकल रेडियोग्राफ़ शामिल थे। उन्हें मानकीकृत स्थितियों के तहत लिया गया था। फिल्मों को डिजिटल रूप से स्कैन किया गया था और प्रत्येक पहले
दाढ़ की छवि से नौ माप किए गए थे । मूल्यांकित दांत सभी बरकरार थे । कुल 165 दांतों का विश्लेषण किया गया। इस अध्ययन के परिणामों से पता चलता है कि टाइप I मधुमेह के कारण पेरियापिकल रेडियोग्राफ से दंत पल्प के आकार में कोई परिवर्तन नहीं होता है।