नादेज़्दा जी. आर्टेमेवा
प्रिमोरी में ओब्रिविस्टी केप पर स्थित जिन अनुष्ठान निर्माण की खोज 2001 में की गई थी। इसे XII-XIII का समय माना गया था। इसका वर्ग 160 m2 था। निर्माण का लंबा भाग उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर उन्मुख था। प्रवेश द्वार संकरी तरफ के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित था। इमारत के केंद्र में ऊपर की ओर उठी हुई मंजिल का उपयोग मंदिर के रूप में किया जाता था। मंदिर में बिना किसी सजावट के वी-आकार की छत थी। आजकल यह प्रिमोरी में उस अवधि का सबसे बड़ा और कुछ हद तक सबसे महत्वपूर्ण पूजा स्थल है। पुरातत्व अनुसंधान ने जिन मंदिरों की कुछ विशिष्ट स्थापत्य विशेषताओं (जुरचेन और चीनी बौद्ध स्थापत्य परंपराओं का एक प्रकार का संगम) का खुलासा किया। वहाँ बहुत सारी छत की टाइलें, कुछ हथियार और उपकरण खुदाई में मिले थे।