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अमूर्त

जीवन की गुणवत्ता पर मनोसामाजिक हस्तक्षेप का प्रभाव: एड्स से पीड़ित लोगों पर एक प्रायोगिक अध्ययन

पुष्कर दुबे, बंश गोपाल सिंह, दीपक कुमार पांडे

एड्स से पीड़ित लोग (पीएलडब्ल्यूए) व्यक्तिगत, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर कई कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, जो उन्हें अस्वस्थ, मानसिक रूप से उदास और कम आत्मविश्वास वाले व्यक्ति में बदल देता है। पिछले अध्ययनों से पता चलता है कि पीएलडब्ल्यूए के लिए सहायक और जन्मजात वातावरण का निर्माण बहुत फायदेमंद हो सकता है और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायता कर सकता है। वर्तमान अध्ययन पीएलडब्ल्यूए के बीच जीवन की गुणवत्ता पर मनोसामाजिक हस्तक्षेप के प्रभाव की प्रयोगात्मक जांच करता है। लेखकों ने कुल नमूने (N = 120) को दो समूहों में वर्गीकृत किया , अर्थात् हस्तक्षेप और नियंत्रण समूह। प्रत्येक समूह में 60 नमूने शामिल थे जिनमें पुरुष और महिला प्रतिभागियों की समान संख्या थी। प्रतिभागियों ने प्रयोग शुरू होने से पहले फॉर्म भरा, और उन्होंने 3 महीने के अंतराल के बाद भी उसी संरचित प्रश्नावली के साथ जवाब दिया। 3 महीने के अंतराल में, हस्तक्षेप समूह को 60 पुरुष और महिला प्रतिभागियों को मनोसामाजिक हस्तक्षेप प्रदान किया गया

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।