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अमूर्त

समय से पहले जन्म का हल्के बौद्धिक रूप से विकलांग बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याओं पर प्रभाव: राजमुंदरी में एक समूह अध्ययन

सुभाषिनी अकुरथी, एमवीआर राजू

यह अध्ययन 6-15 वर्षों के दौरान जन्म की घटनाओं के प्रकार और विकलांग बच्चों की व्यवहार संबंधी समस्याओं (यानी, अति सक्रियता, सुस्ती, रूढ़िबद्ध, चिड़चिड़ा व्यवहार) की पहचान करता है। अध्ययन का उद्देश्य हल्के बौद्धिक रूप से विकलांग बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याओं पर जन्म के प्रभावों का पता लगाना था, ताकि हल्के बौद्धिक रूप से विकलांग बच्चों के बीच व्यवहार संबंधी समस्याओं पर जनसांख्यिकीय चर के बीच महत्वपूर्ण अंतर का पता लगाया जा सके। उम्र छह से पंद्रह वर्ष के बीच थी, लड़कों में 272 और लड़कियों में 228 शामिल थे। कुल नमूने में 500 हल्के बौद्धिक रूप से विकलांग बच्चे शामिल थे। यह अध्ययन आंध्र प्रदेश के उत्तर तटीय जिलों में विशेष स्कूलों में जाने वाले हल्के बौद्धिक रूप से विकलांग बच्चों के बीच व्यवहार संबंधी समस्याओं (चिड़चिड़ापन, सुस्ती, अति सक्रियता, रूढ़िबद्धता और अनुचित भाषण) पर समय से पहले जन्म के प्रभाव का पता लगाता है। हल्के रूप से विकलांग बच्चों, विशेष रूप से समय से पहले जन्मे बच्चों में समय के साथ सुस्ती, रूढ़ीवादी व्यवहार संबंधी समस्याएं, अति सक्रियता बढ़ती है।

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।