आइना क्रतोव्स्का*, सानिता पोनोमारजोवा, लिलियन त्ज़िवियन, पेट्रीसिजा इवानोवा
पृष्ठभूमि: क्रिटिकल लिम्ब इस्केमिया (सीएलआई) प्रबंधन के दिशा-निर्देशों में मात्रात्मक इन्फ्राजेनिकुलेट रन-ऑफ स्कोरिंग को हाइलाइट नहीं किया गया है। हालांकि सख्ती से घोषित नहीं किया गया है, इन्फ्राजेनिकुलेट रन-ऑफ रीवास्कुलराइजेशन विधि (ओपन बनाम एंडोवास्कुलर) चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उद्देश्य: इस अध्ययन का उद्देश्य लेखकों द्वारा प्रस्तावित इन्फ्राजेनिकुलेट रन-ऑफ स्कोरिंग प्रणाली और पोपलीटल धमनी P1-P2 खंड से जुड़े लंबे फेमरोपोप्लिटल घावों वाले CLI रोगियों में रीवास्कुलराइजेशन विधि के चयन के साथ इसके संबंध का परीक्षण करना था।
सामग्री और विधियाँ: इन्फ्राजेनिकुलेट बाईपास सर्जरी (IGBS) वाले 47 मरीज़ और लंबे फेमोरोपोपलीटल सेगमेंट के एंडोवैस्कुलर थेरेपी (EVT) वाले 36 मरीज़ों को सिंगल सेंटर केस-कंट्रोल स्टडी में नामांकित किया गया। पोपलीटल धमनी P1-P2 सेगमेंट का लंबा एथेरोस्क्लेरोटिक घाव अनिवार्य समावेशन मानदंड था। लेखकों द्वारा प्रस्तावित इन्फ्राजेनिकुलेट रन-ऑफ स्कोरिंग सिस्टम (कुल अवरोधन = 0 अंक, बरकरार = 22) का उपयोग इन्फ्राजेनिकुलेट धमनी की स्थिति का विश्लेषण करने के लिए किया गया था। आयु, लिंग, मरीज़ों के निवास स्थान, रदरफोर्ड श्रेणी, फेमोरोपोपलीटल घाव TASC II प्रकार, इन्फ्राजेनिकुलेट रन-ऑफ स्कोर और रीवास्कुलराइज़ेशन विधि विकल्प के साथ चर के संबंध का विश्लेषण किया गया।
परिणाम: IGBS और EVT समूह में औसत कुल इन्फ्राजेनिकुलेट रन-ऑफ स्कोर क्रमशः 15.36 ± 3.99 और 9.51 ± 5.73 था। मल्टीपल लॉजिस्टिक रिग्रेशन विश्लेषण से पता चला कि इन्फ्राजेनिकुलेट रन-ऑफ स्कोर और फेमरोपोप्लिटल घाव TASCII प्रकार का रीवास्कुलराइजेशन विधि विकल्प (p<0.001, OR 0.491, 95% CI:0.337-0.714 और p<0.001, OR 0.091, 95% CI:0.026-0.322 क्रमशः) के साथ एक मजबूत संबंध है।
निष्कर्ष: अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि इन्फ्राजेनिकुलेट रन-ऑफ स्कोर सीएलआई और लंबे फेमोरोपोपलीटल घाव वाले रोगियों में रीवास्कुलराइजेशन मोडैलिटी विकल्प का एक मजबूत भविष्यवक्ता है। लेखकों द्वारा प्रस्तावित स्कोरिंग प्रणाली का इन्फ्राजेनिकुलेट रन-ऑफ के मात्रात्मक प्रीऑपरेटिव मूल्यांकन के लिए सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।