कौशिक मुखर्जी और आलोक कुमार सिल
वर्तमान स्थिति में अधिक जैव-संगत और गैर-विषाक्त नैनो संरचनाओं की आवश्यकता है। इस दिशा में वर्तमान अध्ययन में एमिनो एसिड सेरीन के डी- और एल-एनेंटिओमेरिक दोनों रूपों के साथ टेट्राक्लोरोऑरिक एसिड की प्रत्यक्ष कमी द्वारा सोने के नैनोकण के संश्लेषण का वर्णन किया गया है। सतह प्लाज़्मोन प्रतिध्वनि जैसी विभिन्न भौतिक विशेषताओं की जांच करके नैनोकण के निर्माण की पुष्टि की गई। इसके अलावा, कम किए गए कण की चिरलिटी की अवधारण भी परिपत्र डाइक्रोइज्म स्पेक्ट्रोस्कोपी प्रयोग से स्पष्ट थी। इसके अलावा, संबंधित एमिनो एसिड द्वारा नैनोकण के परिरक्षण की पुष्टि स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप और ऊर्जा फैलाव एक्स-रे विश्लेषण (SEM-EDAX) द्वारा की गई थी। चूंकि डी-सेरीन माइकोबैक्टीरिया के खिलाफ सक्रिय माना जाता है, इसलिए डी-सेरीन संरक्षित कण की जैविक गतिविधि की जांच उसी के खिलाफ की गई थी। परिणाम ने अकेले डी-सेरीन की तुलना में माइकोबैक्टीरियम स्मेगमैटिस के खिलाफ कण की उच्च निरोधात्मक गतिविधि दिखाई। इस प्रकार वर्तमान अध्ययन में चिरल स्वर्ण नैनोकण के संश्लेषण के लिए एक नए प्रोटोकॉल का वर्णन किया गया है जो एनेंटियोसेलेक्टिव जैविक अनुप्रयोगों में लाभकारी हो सकता है।