आइसा उस्मान अल-अमीन, उस्मान आइसा एलामिन, राविया अब्दुल-मोनिम अहमद, अब्दुलरहमान खालिद अब्दुल्ला, सारा आइसा एलामिन और हारुन इब्राहिम एल्हाज
उद्देश्य: अध्ययन का उद्देश्य सूडान के एक विश्वविद्यालय अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं में हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस (एचएसवी) संक्रमण की सीरो-प्लवलेंस जानना था। तरीके: मई और नवंबर 2011 के बीच राष्ट्रीय रिबात शिक्षण अस्पताल में निचले खंड सीजेरियन सेक्शन (एलएससीएस) द्वारा प्रसव के लिए आई सभी गर्भवती महिलाओं को इस अध्ययन में नामांकित किया गया था। उनके खून की एचएसवी आईजीजी और आईजीएम इम्युनोग्लोबुलिन के लिए जांच की गई थी। उनके योनी की जांच विस्फोट और अल्सर के लिए की गई थी और जब वे पाए गए तो सतह से सिफलिस सहित जीवों को अलग करने के लिए स्वाब लिया गया था। उनके खून की एचआईवी और सिफलिस के लिए भी जांच की गई थी। परिणाम: अध्ययन में एक सौ तीस गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया था ग्यारह महिलाओं के होंठों पर छाले या छाले थे और उनमें से पाँच का परीक्षण हर्पीज के लिए सकारात्मक आया। निष्कर्ष: इस अध्ययन में गर्भावस्था के दौरान तीव्र संक्रमण का दस्तावेजीकरण नहीं किया गया था और संभवतः महिलाओं में उनके प्रजनन जीवन के आरंभ में ही हर्पीज वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। जननांगों पर चकत्ते और अल्सर सक्रिय हर्पीज संक्रमण से जुड़े नहीं थे।