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रोग विकास में रोग त्रिकोण के व्यक्तिगत घटकों की भूमिका: एक समीक्षा

अलीना पोखरेल

वर्तमान विश्व में खाद्य सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। अनुमान है कि वैश्विक स्तर पर रोगाणु और कीट पांच प्रमुख खाद्य फसलों अर्थात् चावल, गेहूं, मक्का, सोयाबीन और आलू की फसल की पैदावार को 10 से 40 प्रतिशत तक कम कर रहे हैं। पौधों की बीमारियों के कारण होने वाले नुकसान को कम करने से निश्चित रूप से गुणवत्तापूर्ण खाद्य उत्पादन की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके लिए, रोग विकास को प्रभावित करने वाले सभी कारकों को स्पष्ट रूप से समझना चाहिए और उचित प्रबंधन रणनीतियों का पालन करना चाहिए। यह समीक्षा इन तीन प्रमुख कारकों पर चर्चा करती है; मेजबान, रोगज़नक़ और पर्यावरण। तापमान, प्रकाश, सापेक्ष आर्द्रता/नमी महत्वपूर्ण हवाई और मृदा पर्यावरणीय कारक हैं जिनका रोग विकास पर बड़ा प्रभाव माना जाता है। रोग नियंत्रण के लिए प्रतिरोधी किस्मों का विकास और रोगजनकों में विषाणु कारकों को दबाना महत्वपूर्ण है।

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।