हुमा फरीद, फरहान रज़ा खान, मुनव्वर रहमान3
उद्देश्य: इस अध्ययन का उद्देश्य रोटरी (पारंपरिक) और हाइब्रिड (रोटरी और हैंड फाइल) कैनाल तैयारी तकनीकों के साथ प्रोटेपर रोटरी इंस्ट्रूमेंट फ्रैक्चर की आवृत्ति की तुलना करना था। द्वितीयक उद्देश्य यह निर्धारित करना था कि क्या प्रोटेपर फाइल फ्रैक्चर का कैनाल वक्रता के साथ कोई संबंध है और दोनों तकनीकों में कैनाल तैयारी के लिए आवश्यक औसत समय की तुलना करना था। विधियाँ: निकाले गए मैक्सिलरी और मैंडिबुलर प्रथम दाढ़ों की 216 बुक्कल नलिकाओं पर इन विट्रो प्रयोग किया गया। प्रत्येक नलिका के लिए एक एक्सेस कैविटी और एक ग्लाइड पथ बनाने के बाद, एक पेरियापिकल रेडियोग्राफ़ लिया गया और श्नाइडर की तकनीक से नलिका की वक्रता को मापा गया। फिर नलिकाओं को यादृच्छिक रूप से ग्रुप ए (रोटरी तकनीक) और ग्रुप बी (हाइब्रिड तकनीक) में विभाजित किया गया। प्रत्येक नलिका की तैयारी से पहले और बाद में प्रोटेपर फ़ाइलों की लंबाई मापी गई। प्रत्येक नलिका की तैयारी में लगने वाला समय रिकॉर्ड किया गया। परिणाम: ग्रुप ए (पी=0.014) में कुल सात प्रोटेपर फाइलें 25 डिग्री से अधिक वक्रता वाली नहरों में फ्रैक्चर हो गईं (पी<0.001)। रूट कैनाल की तैयारी में लगा औसत समय ग्रुप ए में 104.04 सेकंड (±55.7 सेकंड) था, जबकि ग्रुप बी में 122.88 सेकंड (±41.67 सेकंड) था (पी=0.007)। निष्कर्ष: अध्ययन किए गए दांतों में, प्रोटेपर रोटरी फाइलों के साथ रूट कैनाल तैयारी की हाइब्रिड तकनीक, हालांकि समय लेने वाली थी, लेकिन 25 डिग्री से अधिक वक्रता वाले कैनाल में अधिक सुरक्षित थी।