रजिया सुल्ताना, शबनम इलियास चौधरी, अज़हर मकबूल, मंसूर-उद-दीन अहमद, जफर इकबाल चौधरी और एम जाहिद अहमद
यह शोध लेख जिला लाहौर के मवेशियों में एक क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन का वर्णन करता है जिसका उद्देश्य एमेरिया प्रजातियों की व्यापकता और सबक्लिनिकल कोक्सीडियोसिस से जुड़े जोखिम कारकों की पहचान करना था। विभिन्न प्रबंधन प्रथाओं के तहत सरकारी डेयरी फार्म, लाहौर, मिलिट्री डेयरी फार्म, लाहौर और पेरी-अर्बन फार्म (गवाला कॉलोनियों), लाहौर से कुल 2700 रेक्टल फेकल नमूने एकत्र किए गए और विभिन्न एमेरियन ओसिस्ट के लिए जांच की गई। एमेरिया प्रजाति के ओसिस्ट अर्थात ई. बोविस (27.05%), ई. ज़ुर्नी (20.14%), ई. सबस्फेरिका (11.72%), ई. सिलेंडरिका (23.97%), ई. एलिप्सोइडैलिस (19.54%) के लिए 1473 फेकल नमूने पॉजिटिव पाए गए अध्ययन के परिणामों से पता चला कि कुल मिलाकर कोक्सीडियोसिस का सबसे अधिक (66.22%) प्रचलन शरद ऋतु के दौरान देखा गया, उसके बाद गर्मियों (59.66%), सर्दियों (51.77%) और सबसे कम वसंत (38.2%) के दौरान देखा गया। कोक्सीडियोसिस का सबसे अधिक (45.33%) प्रचलन 6 से 12 महीने की उम्र के जानवरों में देखा गया, उसके बाद 6 महीने से कम उम्र के जानवरों में 41.35% जबकि सबसे कम (36.00%) एक साल से ऊपर के जानवरों में देखा गया। मादा जानवर नर (39.50%) की तुलना में अधिक बार प्रभावित (41.25%) थे। वर्तमान अध्ययन में, अधिकतम ओपीजी गिनती 55,000 और न्यूनतम गिनती 2000 देखी गई।