ईसा नाज़ेरियन, हामिद रज़ा नाजी, हज़ांडी अब्दुल-हामिद और मुस्तफा मोरादी
पिछले कुछ वर्षों में ईरान के मर्कज़ी प्रांत के शहरी और उपनगरीय इलाकों में काले टिड्डे के पेड़ों की तेजी से और स्पष्ट गिरावट , मुरझान और मृत्यु देखी गई है। इन तीव्र परिवर्तनों का परिदृश्य और शहरी वानिकी पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। काले टिड्डे के पेड़ों की गिरावट और मृत्यु के कारण का पता लगाने के लिए फेनोटाइपिक और आणविक तरीकों का उपयोग करके यह अध्ययन किया गया था। आलू डेक्सट्रोज अगर माध्यम का उपयोग करके संक्रमित पेड़ों से रोगज़नक़ों को अलग किया गया। कवक के सभी अलग-अलग हिस्सों ने आर्थ्रोकोनिडिया का उत्पादन किया, जिससे रूपात्मक गुणों का उपयोग करके पहचान संभव हो सकी। रोगग्रस्त पेड़ों के लिए मानक टैक्सोनोमिक मानदंडों के माध्यम से काले टिड्डे की गिरावट का कारण निओफ्यूसीकोकम मैंगिफेरा को माना गया। एक रोगज़नक़ी परीक्षण में