जूनियो सीज़र एफ, बारबरा माओरी डॉस सैंटोस ओलिवेरा
पृष्ठभूमि: वृद्ध लोगों में पॉली-फ़ार्मेसी नर्सिंग होम निवासियों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। विभिन्न कारक मौखिक दवाओं की स्थिति को बदल सकते हैं जैसे निगलने में कठिनाई।
उद्देश्य: इस अध्ययन का उद्देश्य डिस्पैगिया से पीड़ित संस्थागत बुजुर्गों में दवा-खाद्य अंतःक्रियाओं का वर्णन करना था।
विधियाँ: ब्राजील के पराना राज्य के कुरिटिबा से 16 संस्थागत वृद्ध व्यक्तियों (13 महिलाएँ, 3 पुरुष) के लिए वैयक्तिकृत डेटा के साथ एक वर्णनात्मक, क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन किया गया, जिनकी आयु ≥ 65 वर्ष थी। डेटा मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन और मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड से एकत्र किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रस्तावित एटीसी (एनाटॉमिक थेरेप्यूटिक केमिकल) वर्गीकरण का उपयोग करके संभावित दवा अंतःक्रियाओं के लिए प्रिस्क्रिप्शन का विश्लेषण किया गया। इस अध्ययन में सभी प्रतिभागियों ने सूचित सहमति पर हस्ताक्षर किए।
परिणाम: अध्ययन में कुल 16 मरीज़ शामिल थे, उनमें से 12.5% पुरुष और 87.5% महिलाएँ थीं। 12 नुस्खों की जाँच 171 दवा अणुओं के साथ मौखिक रूप से की गई। सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली दवाएँ एंटीसाइकोटिक और एंटीकॉन्वल्सेंट (87.5%), एंटीहाइपरटेंसिव (81.25%), कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम की दवाएँ (75%) और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की दवाएँ (62.5%) थीं। अल्जाइमर से संबंधित बुज़ुर्ग रोगियों के नुस्खों में खाद्य-दवा परस्पर क्रिया की संभावना देखी गई।
निष्कर्ष: संज्ञानात्मक हानि और पॉली-फ़ार्मेसी के उपयोग ने डिस्पैगिया रोगियों में विषाक्त प्रभावों के जोखिम को बढ़ा दिया है। पॉली-फ़ार्मेसी को कम करने और औषधीय उपयुक्तता में सुधार करने के लिए भविष्य के अध्ययन दवाओं के कारण होने वाले फ़ार्माकोडायनामिक और फ़ार्माकोकाइनेटिक प्रभावों को समझने में मदद कर सकते हैं।