बर्र ओकेके वीओएस और उगवु चुक्वुका
नाइजीरिया में सैन्य शासन राजनीतिक स्वतंत्रता के बाद ही सरकार का प्रमुख अंग बन गया, खास तौर पर 15 जनवरी 1966 से। यह एक राष्ट्रीय समस्या बन गई है। नाइजीरियाई राजनीति में सेना की भूमिका ने बहुत सी गरमागरम बहसें पैदा की हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि सेना ने न केवल राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के अपने पारंपरिक कार्य को क्यों किया है, बल्कि प्रशासनिक भूमिका और राजनीति में भी निहित स्वार्थ क्यों रखा है। यह शोधपत्र इस बात से संबंधित प्रश्नों को संबोधित करता है कि क्या नाइजीरियाई राजनीतिक संस्कृति सैन्यवाद की देन है? या नाइजीरिया में सैन्यवादी राजनीतिक संस्कृति संविधान से उपजी है? इस शोधपत्र का कार्य शासन में सेना के प्रवेश की अनुमति देने में नाइजीरियाई संविधान की भूमिका पर महत्वपूर्ण प्रश्न उठाना है।