माया गोन्काल्वेस*
वे यह भी जांचते हैं कि जब व्यक्ति में न्यूरोलॉजिकल, मानसिक और न्यूरोडेवलपमेंटल गड़बड़ियां होती हैं तो संवेदी तंत्र पर क्या असर पड़ता है। एक न्यूरोसाइंटिस्ट को न्यूरोएनाटॉमी से लेकर न्यूरोसाइकोलॉजी तक कई तरह के क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव हो सकता है। इस क्षेत्र में शोध से मस्तिष्क और शरीर दोनों के बारे में हमारी समझ बेहतर हो सकती है, वे कैसे काम करते हैं और उन्हें प्रभावित करने वाली चिकित्सा समस्याएं। तंत्रिका विज्ञान एक अंतःविषय विज्ञान है जो अंकगणित, ध्वनिविज्ञान, डिजाइनिंग, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, विज्ञान, तर्क, मस्तिष्क अनुसंधान और दवा जैसे विभिन्न नियंत्रणों के साथ मिलकर काम करता है। न्यूरोसाइंटिस्ट संवेदी तंत्र के कोशिका, कार्यात्मक, सामाजिक, विकासात्मक, कम्प्यूटेशनल, उप-परमाणु, कोशिका और नैदानिक भागों का अध्ययन करते हैं। ऐसे कई क्षेत्र हैं जो विभिन्न दृष्टिकोणों पर जोर देते हैं, फिर भी वे आम तौर पर कवर करते हैं।