नीलिमा होसामानी, रामचन्द्र रेड्डी पामुरु*, श्रीनिवासुला रेड्डी पमनजी
क्रस्टेशियंस में , मोल्टिंग पुराने एक्सोस्केलेटन को हटाने की प्रक्रिया है और यह उनके विकास के लिए नए एक्सोस्केलेटन के दैहिक विकास के लिए आवश्यक है। क्रस्टेशियंस में मोल्टिंग प्रक्रिया एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में भिन्न होती है और पर्यावरणीय स्थितियों के साथ भी भिन्न होती है। वर्तमान अध्ययन में मीठे पानी के केकड़े ओजियोथेलफुसा सेनेक्स सेनेक्स के मोल्ट चक्र का अध्ययन किया गया। अध्ययन के लिए चुने गए केकड़ों का आकार 30 ± 2 ग्राम है। प्राकृतिक मोल्ट चक्र में इंटरमोल्ट (सी1, सी2, सी3 और सी4), प्रीमोल्ट (डी1, डी2, डी3 और डी4), इक्डीसिस (ई) और पोस्ट मोल्ट (ए1, ए2, बी1 और बी2) चरण शामिल होते हैं जिन्हें मापा गया और मोल्ट चक्र में प्रत्येक चरण के प्रतिशत की गणना की गई प्रेरित मोल्ट चक्र का अध्ययन आईस्टॉक एक्सटिरपेशन (ईएसएक्स) द्वारा किया गया और पाया गया कि 60.71% नर केकड़े और 52.0% मादा केकड़े एक्सटिरपेशन के 28वें दिन के बाद मोल्ट हो गए, जिससे मोल्टिंग प्रक्रिया को विनियमित करने में आईस्टॉक सिद्धांत की भूमिका का सुझाव मिलता है।