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पूर्वोत्तर भारत के इम्फाल शहर में नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन: मौजूदा प्रबंधन प्रथाओं और प्रस्तावित कार्य योजनाओं का एक महत्वपूर्ण विश्लेषण

ईश्वर चंद्र यादव और निंगोम्बम लिनथोइंगंबी देवी

शहरी आबादी में तेज़ी से वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक विकास और सामुदायिक जीवन स्तर में वृद्धि के परिणामस्वरूप विभिन्न भारतीय शहरों में भारी मात्रा में नगरपालिका ठोस अपशिष्ट उत्पन्न हो रहा है। वर्तमान अध्ययन पूर्वोत्तर भारत के इंफाल शहर में मौजूदा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) प्रणाली की स्थिति और एसडब्ल्यूएम योजना की व्यवहार्यता का मूल्यांकन करता है। इसमें पता चला कि एसडब्ल्यूएम की वर्तमान प्रणाली उचित नहीं है और ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम-2000 के आधार पर अत्यधिक असंतोषजनक है। नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एमएसडब्ल्यूएम) की मौजूदा प्रणाली में कई कमियां हैं। इंफाल शहर में लगभग 120 टन/दिन ठोस अपशिष्ट उत्पन्न होता है और अनुमान है कि 2035 तक यह बढ़कर लगभग 170 टन/दिन हो जाएगा। लगभग 40-50% अपशिष्ट प्रबंधन अधिकारियों द्वारा एकत्र किया जाता है इससे मिट्टी, भूजल/सतही जल और वायु सहित विभिन्न पर्यावरणीय क्षेत्रों में प्रदूषण का उच्च जोखिम पैदा हो सकता है, जिससे मानव स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। मौजूदा एमएसडब्लूएम प्रणालियों में कमियों से निपटने के लिए इम्फाल नगर निगम द्वारा प्रस्तावित नई भविष्य की रणनीति और कार्य योजनाएँ संतोषजनक और व्यवहार्य साबित होंगी, बशर्ते कि उनका तत्काल और सफल कार्यान्वयन हो।

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।