आमेर हयात खान, एंडी डज़ुल्करनेन ज़कारिया, सैयद हसन, सती रहमा हाशिम ईसा मेरिकन, नूराशिकिन बिनती मजलान और मोहम्मद अब्दुल हमीद
पृष्ठभूमि: कोलोरेक्टल कैंसर संयुक्त राज्य अमेरिका में पुरुषों और महिलाओं दोनों में तीसरा सबसे आम कैंसर है। कोलोरेक्टल कैंसर तब शुरू होता है जब बृहदान्त्र या मलाशय की परत में सामान्य कोशिकाएं बदल जाती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं, जिससे एक द्रव्यमान बनता है जिसे ट्यूमर कहा जाता है। केस प्रस्तुति: एक 54 वर्षीय महिला ने पिछले चार महीनों से पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द की शिकायत की और पिछले कुछ दिनों में दर्द की गंभीरता बढ़ गई। कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन ने पेरिकोलिक वसा की लकीर, लिम्फोडेनोपैथी और यकृत मेटास्टेसिस की अनुपस्थिति के साथ मध्य अनुप्रस्थ बृहदान्त्र ट्यूमर दिखाया। रोगी को मधुमेह (डीएम) टाइप 2 और उच्च रक्तचाप है। वह वर्षों से इंसुलिन थेरेपी (सबक्यूटेनियस (एस/सी) एक्ट्रापिड 30 यू टीडीएस और एस/सी इंसुलटार्ड 8 यू ओएन) पर है। रोगी 36.5 किग्रा/एम2 बीएमआई के साथ मोटापे से ग्रस्त है। कोलोनोस्कोपी और पैथोलॉजिकल जांच में 5.5 सेमी लंबाई वाला पॉलीपॉइडल ट्यूमर (ट्रांसवर्स) दिखा, कोलन का लुमेन ट्यूमर द्वारा लगभग पूरी तरह से अवरुद्ध है। रोगी का दाहिना हेमिकोलेक्टोमी हुआ और उसके बाद उसकी हालत में सुधार हुआ। निष्कर्ष: मधुमेह और आक्रामक इंसुलिन थेरेपी वर्तमान रोगी में कोलन कैंसर के उभरने के अंतर्निहित कारक हो सकते हैं, भले ही कैंसर का कोई पारिवारिक इतिहास न हो।