डोनाल्ड रॉसेन*
हर व्यक्ति का अपना माइक्रोबायोम होता है, जो हर किसी से अलग होता है। प्रत्येक व्यक्ति कई तरह के बैक्टीरिया, फंगल और वायरल प्रजातियों से बना होता है जो शरीर की सभी सतहों पर पाए जा सकते हैं, जिसमें त्वचा, श्लेष्म झिल्ली और विशेष रूप से जठरांत्र प्रणाली शामिल हैं।