निरंजन सिंह राठौर*
उद्देश्य: राजस्थान के एक पिछड़े जिले में सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में मलेरिया की गंभीरता का वर्णन करना तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अपनाए गए हस्तक्षेपों की ताकत, कमजोरियों, अवसरों और खतरों पर प्रकाश डालना।
निष्कर्ष: मलेरिया बारां जिले में सार्वजनिक स्तर पर एक महत्वपूर्ण समस्या है, जैसा कि जिले की एचएमआईएस रिपोर्ट में रिपोर्ट की गई रुग्णता और मृत्यु दर के आंकड़ों से स्पष्ट है। विभिन्न संबंधित कारक जिले में समस्या को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं। मौजूदा कार्यक्रम में कुछ ताकतें, कमजोरियां, अवसर और खतरे हैं।
निष्कर्ष: मलेरिया को केवल चिकित्सा समस्या के रूप में देखने से तकनीकी समाधानों को अपनाने और उन पर अत्यधिक निर्भरता की ओर अग्रसर होता है। महामारी विज्ञान के दृष्टिकोण के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिक अंतर-संबंध सार्वजनिक स्वास्थ्य दृष्टिकोण की समस्या को समझने में मदद करते हैं। मौजूदा दृष्टिकोण को अतिरिक्त संशोधनों के साथ मजबूत करने की आवश्यकता है।