मुस्तफा नादेरी, मुस्तफा घानेई, खोसरो जदीदी, मोहम्मद घोलामी-फ़ेशरकी और ज़ोहरे पौरसालेह
पृष्ठभूमि: इराकी सेना ने 1980 के दशक में इराकी कुर्द नागरिकों के खिलाफ सल्फर मस्टर्ड (SM) और अन्य अज्ञात रासायनिक युद्ध एजेंटों सहित कई रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। इस जोखिम के कारण नेत्र अंग में होने वाले पुराने और विलंबित विनाशकारी घावों के बारे में बहुत कम डेटा मौजूद है। इस अध्ययन का उद्देश्य पुराने और विलंबित मस्टर्ड गैस घावों वाले कुर्द विषयों में आंखों की चोटों की गंभीरता का मूल्यांकन और सत्यापन करना था।
विधियाँ: यह क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन 303 लोगों पर सरल यादृच्छिक नमूने द्वारा किया गया था, जिनका फरवरी 2009 में सुलेमानी, इराक में रासायनिक हथियारों के संपर्क में आने का इतिहास था। चिकित्सा इतिहास, लक्षण, नेत्र संबंधी स्थिति, नैदानिक पाठ्यक्रम और उपचार उपायों की समीक्षा की गई। सांख्यिकीय विश्लेषण SPSS/18, ची-स्क्वायर परीक्षण का उपयोग करके पूरा किया गया।
परिणाम: वर्तमान नमूनों में 49.8% पुरुष और 50.2% महिलाएँ थीं। रोगियों की औसत आयु 43.7 ± 13.1 थी। नेत्र संबंधी लक्षण जैसे कि आंसू आना (96.7%), खुजली (96.0%), लाल आँख (95.4%), धुंधली दृष्टि (84.2%), और दृष्टि हानि (37.3%) हलाब्जा के विषयों में सबसे आम थे, जो प्रतिभागियों का बहुमत भी थे। मध्यम से गंभीर मस्टर्ड गैस केराटाइटिस 12.9% विषयों (n=39) में देखा गया था, और गंभीर जटिलताएँ डुकन के विषयों में सबसे आम थीं।
निष्कर्ष: जांच के निष्कर्ष बताते हैं कि मध्यम से गंभीर नेत्र संबंधी जटिलताओं से पीड़ित इराकी कुर्दिश रासायनिक युद्ध पीड़ितों के लिए स्वास्थ्य सेवा और अनुवर्ती कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है। मस्टर्ड गैस केराटाइटिस से पीड़ित कुर्दिश पीड़ितों पर अनुवर्ती कार्रवाई के परिणामों को मापने के लिए आगे अनुसंधान भी आवश्यक है।