*रिजवी एम, आज़म एम, शुक्ला आई, मलिक ए, अजमल एमआर
हमने क्रिप्टोजेनिक हेपेटाइटिस के मामलों में गुप्त HBV, लेप्टोस्पायरोसिस, साइटोमेगालोवायरस और एपस्टीन-बार वायरस की भूमिका का आकलन किया। अध्ययन में 30 स्वस्थ नियंत्रणों के साथ तीव्र हेपेटाइटिस के लक्षणों वाले 246 लगातार मामलों को नामांकित किया गया। हेपेटाइटिस के सामान्य वायरल एटियलजि को खारिज करने के लिए HAV, HBV, HCV और HEV के लिए ELISA का प्रदर्शन किया गया। HBV प्री-कोर जीन के प्रवर्धन द्वारा गुप्त HBV का पता लगाया गया। लेप्टोस्पाइरा, CMV और EBV के लिए IgM एंटीबॉडी का पता ELISA द्वारा लगाया गया। 142 (57.7%) HBV पॉजिटिव थे, 6 (2.43%) HCV पॉजिटिव थे, 5 (2.03%) HAV के लिए पॉजिटिव थे और 3 (1.21%) HEV पॉजिटिव थे। दो में गुप्त HBV संक्रमण था। 90 मामलों को क्रिप्टोजेनिक के रूप में लेबल किया गया। इनमें से 46 (51%) लेप्टोस्पायरोसिस के लिए सकारात्मक थे, 8 (8.8%) CMV के लिए सकारात्मक थे और 2 (2.2%) EBV के लिए सकारात्मक थे। इन रोगियों की औसत आयु 29.43 वर्ष थी। अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों से थे। अधिकांश मामलों में बिगड़ा हुआ लिवर फंक्शनल टेस्ट देखा गया। इस क्षेत्र में HBV के अलावा लेप्टोस्पायरोसिस हेपेटाइटिस का एक प्रमुख कारण बनकर उभरा है। हेपेटाइटिस के मामलों की प्रारंभिक जांच के दौरान इसे सक्रिय रूप से देखा जाना चाहिए ताकि समय पर इसका इलाज किया जा सके और महत्वपूर्ण रुग्णता को रोका जा सके। यदि नैदानिक स्थिति इसके योग्य है, तो हम क्रिप्टोजेनिक हेपेटाइटिस में प्रारंभिक जांच में ही लेप्टोस्पाइरा का पता लगाने की सलाह देते हैं।