प्रिया एम, डिट्टो शर्मिन*, दीप्ति अमरलाल, ईपेन थॉमस, पूजा वाई
उद्देश्य: इस अध्ययन का उद्देश्य प्रश्नावली सर्वेक्षण डिजाइन का उपयोग करके खेल से संबंधित चोटों और उनकी रोकथाम के बारे में खेल प्रशिक्षकों के ज्ञान और दृष्टिकोण का आकलन करना था।
सामग्री और विधियाँ: अक्टूबर 2009 और फरवरी 2010 के बीच भारत के चेन्नई शहर के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न खेल टीमों के 50 प्रशिक्षकों को एक संशोधित प्रश्नावली वितरित की गई। सांख्यिकीय विश्लेषण SPSS संस्करण 18.0 द्वारा किए गए और डेटा का विश्लेषण किया गया।
परिणाम: 50 प्रशिक्षकों में से 94% पुरुष और 6% महिलाएं थीं, जिनकी औसत आयु 38.74 वर्ष थी। 70% प्रशिक्षकों ने पाया कि चोट लगने की आवृत्ति 1-5 के बीच है, जिसमें नरम ऊतक की चोट (46%) और उसके बाद खरोंच और दंत आघात शामिल हैं। 66% प्रशिक्षकों का मानना था कि मुक्केबाजी ऐसा खेल आयोजन है जिससे चोट लगने की सबसे अधिक संभावना है, लेकिन मुक्केबाजी, फुटबॉल और रग्बी (38.5%) ऐसे खेल थे जिनसे वास्तव में चोट लगी। चोट का तंत्र मुख्य रूप से टक्कर (42%) के कारण था। सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले सुरक्षात्मक उपकरण हेलमेट (61.4%) और माउथगार्ड (47.7%) थे। 70% प्रशिक्षकों को लगा कि सुरक्षात्मक उपकरणों का उपयोग न करने से कभी-कभी चोट लग सकती है
निष्कर्ष: परिणाम दर्शाते हैं कि चेन्नई के प्रशिक्षकों के बीच सुरक्षात्मक उपकरणों के उपयोग की स्वीकार्यता बढ़ रही है, लेकिन इसका उपयोग ज्यादातर खेल के प्रकार पर आधारित था।