फौमसोउ एल, महामत पी, गबकिगा बीएम, डिलिंगा डी, डेमथियोउ एस, जोंगाली एस और मेई-त्सोंगा एस
परिचय: प्रसवोत्तर रक्तस्राव सभी देशों में महिलाओं को प्रभावित करता है और मातृ मृत्यु का मुख्य कारण है। विकासशील देशों में यह एक लगातार प्रसूति आपातकाल बना हुआ है।
उद्देश्य: प्रसवोत्तर रक्तस्राव के मुख्य कारणों की पहचान करना तथा प्रसवोत्तर रक्तस्राव के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए उचित प्रबंधन का प्रस्ताव करना।
मरीज़ और विधियाँ: यह अप्रैल, 14 2013 से जनवरी, 14 2014 तक एन'जामेना मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में आयोजित नौ महीने का एक संभावित और वर्णनात्मक सर्वेक्षण था । एन'जामेना मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में प्रसव के बाद रक्तस्राव की शिकायत करने वाले सभी मरीज़ों को शामिल किया गया था। हमारे सर्वेक्षण में किसी मरीज़ को शामिल करने से पहले उसे सर्वेक्षण की ज़रूरत समझाकर उसकी सहमति ली गई। प्रसव के बाद रक्तस्राव की शिकायत करने वाले सभी मरीज़ों को शामिल किया गया। डेटा का विश्लेषण SPSS17.0 का उपयोग करके किया गया।
परिणाम: हमने 5456 प्रसवों में प्रसवोत्तर रक्तस्राव के 69 मामले दर्ज किए, जो 1.26% की आवृत्ति देता है। औसत आयु 24.98 वर्ष थी। अधिकांश प्रसव योनि से हुए (89.9%)। तत्काल प्रसवोत्तर रक्तस्राव का मुख्य कारण तीसरे चरण का रक्तस्राव (76.8%) था, उसके बाद जननांग घाव (23.2%) थे। प्रबंधन चिकित्सा (द्रव प्रतिस्थापन समाधान और रक्त आधान), प्रसूति (प्लेसेंटा को मैन्युअल रूप से निकालना, गर्भाशय संशोधन), और शल्य चिकित्सा (घावों का सिवनी, गर्भाशय धमनी का बंधन और हिस्टेरेक्टोमी) था। हमने नामांकित रोगियों में एक मातृ मृत्यु (1, 4%) दर्ज की थी।
निष्कर्ष: प्रसवोत्तर रक्तस्राव हमारे क्षेत्र में एक घातक प्रसूति आपातकाल है। निवारक उपाय और उपचारात्मक उपाय मातृ रोग निदान को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।