नीलिमा चित्तूरी*, सतीश सुनकारा, संध्या किरण पेम्मासानी, अनुराधा आचार्य
पृष्ठभूमि: युवावस्था में परिपक्वता-प्रारंभ मधुमेह (MODY), मधुमेह का एक दुर्लभ वर्ग है जो कम उम्र में विकसित होता है, माना जाता है कि इसका प्रचलन 5% से भी कम है। MODY के प्रबंधन के लिए सबसे अच्छा तरीका आनुवंशिक परीक्षण के माध्यम से इसके प्रकार की पहचान करना है। यह शोधपत्र मधुमेह के आनुवंशिक कारणों की पहचान करने के लिए एक केस स्टडी प्रस्तुत करता है।
केस का इतिहास: प्रस्तुत मामले में 17 वर्ष की आयु में मधुमेह का निदान किया गया था, तथा परिवार में मधुमेह का इतिहास रहा है। व्यक्ति उच्च यादृच्छिक रक्त शर्करा स्तर (200 mg/dL से 300 mg/dL) तथा HbA1c (9.2%) के साथ इंसुलिन (12 यूनिट) पर था। संपूर्ण एक्सोम अनुक्रमण ने HNF1A जीन (chr12: 121432062, c.811del, p.Arg271Glyfs) में एक ज्ञात संभावित रोगजनक रूप की उपस्थिति को दर्शाया है, जिसे MODY3 का कारण माना जाता है। अन्य अप्रभावित परिवार के सदस्यों की सैंगर अनुक्रमण का उपयोग करके रूपांतर के लिए जांच की गई, लेकिन परिणाम नकारात्मक थे। भारतीय आबादी में इस रूपांतर का रोग से संबंध पहली बार रिपोर्ट किया गया है।
निष्कर्ष: सही चिकित्सा देखभाल, जैसे कि सल्फोनीलुरिया थेरेपी, से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में लाया जा सकता है और अंततः दर्दनाक इंसुलिन दवा को रोका जा सकता है। मधुमेह के सटीक निदान और पूर्वानुमान के लिए, रोग के आनुवंशिक कारण की पहचान करना महत्वपूर्ण है। यह मामला मधुमेह के उचित उपचार और प्रबंधन में आनुवंशिक परीक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।