इलोंडू ईएम और बोसाह बीओ
क्राइसोफिलम एल्बिडम के कटाई के बाद फल सड़न कवक के विकास को रोकने में फिलांथस अमारस, यूफोरबिया हिर्टा, यूफोरबिया हेटरोफिला और एकैलिफा फिम्ब्रिएटा से इथेनॉलिक पत्ती के अर्क की प्रभावकारिता की जांच इन-विट्रो में 100, 80, 60 40 और 20 मिलीग्राम/एमएल की सांद्रता पर की गई। सड़े हुए फलों से पृथक किए गए कवक और उनकी उपस्थिति की आवृत्ति में एस्परगिलस नाइजर (69.6%) और फ्यूजेरियम सोलानी (30.4%) शामिल हैं। इन कवक पृथक्करणों को अलग-अलग पत्ती के अर्क अगर पर संवर्धित किया गया और उनकी रेडियल माइसिलिया वृद्धि देखी गई। पौधे के अर्क की सांद्रता में वृद्धि के साथ ऐंटिफंगल गतिविधियां बढ़ीं पौधों के अर्क की फाइटोकेमिकल जांच से सैपोनिन, एल्कलॉइड, ग्लाइकोसाइड, टेरपेन, स्टेरॉयड, फ्लेवोनोइड, टैनिन और फिनोल की मौजूदगी का पता चला। गैस क्रोमैटोग्राफी मास स्पेक्ट्रोमेट्री (जीसी-एमएस) विश्लेषण से ई. हिर्टा में 7 यौगिकों, ए. फिम्ब्रिएटा में 10 यौगिकों, ई. हेटरोफिला में 11 यौगिकों और पी. अमारस में 14 यौगिकों के जटिल मिश्रण की मौजूदगी का पता चला। इस अध्ययन का परिणाम इस बात का संकेत है कि ये यूफोरबियासी एंटीफंगल एजेंटों का संभावित स्रोत हो सकते हैं।