तेब्बानी फ़ौज़िया*, ओउलमारा हेयेट, एग्ली अब्देनेसर
पृष्ठभूमि: मातृ एनीमिया को गर्भावस्था के लिए एक जोखिम कारक माना जाता है, क्योंकि यह माँ और भ्रूण दोनों के लिए खतरनाक है। हमारे अध्ययन का उद्देश्य गर्भावस्था के प्रत्येक तिमाही में एनीमिया से जुड़े कारकों और अल्जीरियाई गर्भवती महिलाओं के एक समूह में माँ और शिशु पर पड़ने वाले परिणामों का पता लगाना था।
विधियाँ: हमने दिसंबर 2013 से जुलाई 2016 तक 300 महिलाओं का एक संभावित और अनुदैर्ध्य समूह अध्ययन किया। प्रसवपूर्व परामर्श में भाग लेने वाली और पूर्ण रक्त गणना करवाने वाली सभी सहमति देने वाली महिलाओं को अध्ययन में शामिल किया गया। सामाजिक जनसांख्यिकीय विशेषताओं और व्यक्ति के प्रसूति इतिहास को एकत्र किया गया। गर्भावस्था के प्रत्येक तिमाही के दौरान मातृ एनीमिया से जुड़े कारकों की जांच की गई। प्रसव अवधि, प्रसव विधि और जन्म परिणामों पर डेटा एकत्र किया गया। हमने अनुपातों के लिए ची-स्क्वायर परीक्षण, छात्र के टी-टेस्ट, या निरंतर चर और कई तुलनाओं के लिए एक-तरफ़ा एनोवा का उपयोग करके एक द्विचर विश्लेषण किया।
परिणाम: गर्भावधि एनीमिया की दर 58.0% थी। एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन, हेमटोक्रिट, रक्त की मात्रा और प्लेटलेट्स की औसत सांद्रता कम थी। एनीमिया से जुड़े कारक थे: कम हीमोग्लोबिन स्तर, तीसरी तिमाही में कम बीएमआई, अपर्याप्त गर्भावधि वजन बढ़ना, पहली और तीसरी तिमाही में अपर्याप्त कैलोरी सेवन और आयरन के साथ पूरकता न लेना। मातृ एनीमिया ने गर्भावस्था के आरंभिक और अंतिम चरण में कम वजन वाले जन्म के जोखिम को बढ़ा दिया और गर्भावस्था के मध्य और अंतिम चरण में समय से पहले जन्म लेने का जोखिम बढ़ा दिया।
निष्कर्ष: विभिन्न मानवजनित, रक्त संबंधी और पोषण संबंधी कारकों ने गर्भावधि एनीमिया को प्रभावित किया। गर्भावधि एनीमिया मातृ और भ्रूण संबंधी जटिलताओं के बढ़ते जोखिम से जुड़ा था। पहचाने गए संबंधित कारकों को ध्यान में रखते हुए समुदाय-आधारित हस्तक्षेप को बढ़ाया जाना चाहिए।