ए.सबीना परवीन
स्टीफन हॉकिंग के स्प्रिंग सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड अनंत शून्य से बना है जो शाश्वत मुद्रास्फीति है जिसका अर्थ है शाश्वत से ऊर्जा उधार लेना, इसलिए यह तुरंत ऊर्जा को पदार्थ और विकिरणों में परिवर्तित कर रहा है। पहले पदार्थ का निर्माण कुछ समय के बाद होता है, बाद में शाश्वत मुद्रास्फीति द्वारा विकिरणों का निर्माण होता है। इस प्रकार पहले सात आसमानों का निर्माण होता है, फिर धीरे-धीरे किरणें उत्पन्न होती हैं। यहां सात आसमानों को एक ऑप्टिकल पदार्थ माना जाता है और वे स्थान से अलग होते हैं। किरणें आकाश से बिखर जाती हैं। अंत में बिखरी हुई किरणें बादलों पर केंद्रित होती हैं। इस प्रकार होलोग्राम तकनीक का उपयोग करके जादुई इंद्रधनुष बनाया जाता है। जिसमें पदार्थ (आकाश) की 3D छवि को 2D छवि-इंद्रधनुष में केंद्रित किया जाता