तये जेमिलाट लसिसी, अकिनयेले ओलुमुइवा अदिसा, अदेओला अडेनिके ओलुसान्या
पृष्ठभूमि: फाइब्रो-ऑसियस घाव जबड़े के विकारों के विविध समूह के लिए एक व्यापक शब्द है, जिसमें सामान्य हड्डी के स्थान पर सौम्य रेशेदार संयोजी ऊतक मैट्रिक्स द्वारा प्रतिस्थापन की विशेषता होती है। वर्तमान अध्ययन ने 1990 से 2011 तक हमारे अस्पताल में फाइब्रो-ऑसियस घावों के सभी बायोप्सी किए गए मामलों की नैदानिक-विकृति संबंधी विशेषताओं की समीक्षा की, जिसके बारे में हमें उम्मीद है कि यह क्षेत्रीय रूप से एक संदर्भ डेटाबेस के रूप में काम करेगा।
विधियाँ: जनवरी 1990 और दिसंबर 2011 के बीच हमारे अस्पताल में देखे गए जबड़े के फाइब्रो-ऑसियस घावों के सभी हिस्टोलॉजिकल रूप से निदान किए गए मामलों की पूर्वव्यापी नैदानिक-विकृति संबंधी समीक्षा।
परिणाम: 22 साल की अवधि में जबड़े के कुल एक सौ इक्कीस फाइब्रो-ऑसियस घावों का हिस्टोलॉजिकल रूप से निदान किया गया। दर्ज किए गए घावों में ऑसिफाइंग फाइब्रोमा (62%), रेशेदार डिस्प्लेसिया (37.2%) और फ्लोरिड सीमेंटो-ऑसियस डिस्प्लेसिया (0.8%) शामिल थे। जबड़े के फाइब्रो-ऑसियस घाव महिलाओं (61.2%) में पुरुषों (38.8%) की तुलना में अधिक थे, जिससे पुरुष से महिला अनुपात 1:1.6 हो गया।
निष्कर्ष: जबड़े के फाइब्रो-ऑसियस घाव एक विविध समूह हैं और चूंकि उन्हें हिस्टोलॉजिकल रूप से पर्याप्त रूप से अलग करना संभव नहीं हो सकता है, इसलिए इस अध्ययन में बताए गए अनुसार अधिक कठोर नैदानिक एल्गोरिदम का विकास अंतिम निदान तक पहुँचने के लिए आवश्यक है, खासकर संसाधन-सीमित सेटिंग्स में।