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पहले दुर्गम क्षेत्रों में पहुंच, परिवहन और अवसरों को सुगम बनाना: बदलती जलवायु में मानव रहित हवाई प्रणालियों की भूमिका

स्टीफन एम. वाकोवस्की और पीटर एम. लिटनर

समस्या का विवरण: आर्कटिक में बदलती पर्यावरणीय और भू-राजनीतिक परिस्थितियाँ चुनौतियाँ और अवसर दोनों प्रस्तुत करती हैं। घटती बर्फ की टोपी के साथ प्राकृतिक संसाधनों और संभावित नए शिपिंग लेन तक अधिक पहुँच की अनुमति देते हुए, वाणिज्यिक और सैन्य संगठन इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि कैसे एक प्रमुख स्थान प्राप्त किया जाए। हालाँकि, आर्कटिक अन्वेषण में महत्वपूर्ण बाधाएँ हैं जिनमें ठंड के मौसम की चरम सीमाएँ, पर्यावरणीय प्रभाव, बर्फ का खिसकना, मुश्किल रसद आपूर्ति और बहुत सीमित संचार, नौवहन और डेटा समर्थन शामिल हैं। 

कार्यप्रणाली और सैद्धांतिक अभिविन्यास: शोधकर्ताओं ने अमेरिकी तट रक्षक आइसब्रेकर हीली (WAGB-20) और कनाडाई तट रक्षक आइसब्रेकर लुइस एस. सेंट लॉरेंट (CGBN) पर वास्तविक दुनिया के आर्कटिक मानव रहित हवाई प्रणालियों (UAS) परिचालन तैनाती में महत्वपूर्ण प्रयोगों की योजना बनाई और उन्हें क्रियान्वित किया। इन प्रयोगों में दो प्रकार के UAS, रेवेन और प्यूमा का उपयोग किया गया, जिन्हें एरोविरोनमेंट द्वारा निर्मित किया गया था।

 

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।