मारिया पेत्रिव्ना डेमचुक, ओलेना इवांकोवा, मारिया क्लुननिक, इरीना मटियाशचुक, नतालिया सिच, एंड्री सिनेलनिक, अल्ला नोवित्स्का और ख्रीस्तना सोरोचिनस्का
उद्देश्य: इंसुलिन प्रतिरोध की उपस्थिति में टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित रोगियों के उपचार में भ्रूण स्टेम कोशिकाओं की प्रभावकारिता की पहचान करना और प्रत्यारोपण के बाद रोग की सभी विशेषताओं का सारांश प्रस्तुत करना।
सामग्री और विधियाँ: इंसुलिन प्रतिरोध की उपस्थिति में टाइप 2 मधुमेह (T2DM) से पीड़ित 42 रोगियों की जाँच की गई, जिनमें 27 पुरुष और 15 महिलाएँ शामिल थीं। 7 रोगियों (16.7%) में ग्लाइसीमिया रेंज को आहार चिकित्सा द्वारा नियंत्रित किया गया, जबकि बाकी रोगियों को एंटीहाइपरग्लाइसेमिक दवाएँ (बिगुआनाइड्स, थियाज़ोलिडाइनडायनस, सल्फोनीलुरिया डेरिवेटिव और α-रिडक्टेस इनहिबिटर) सुझाई गईं। T2DM वाले रोगियों के लिए जटिल चिकित्सा में भ्रूण स्टेम सेल (FSCs) दिए गए और अध्ययन अवधि के दौरान नैदानिक, प्रयोगशाला और मानवशास्त्रीय जाँच के डेटा का विश्लेषण किया गया।
परिणाम: कार्बोहाइड्रेट और लिपिड चयापचय के मूल्यों के साथ-साथ T2DM में धमनी रक्तचाप (ABP) के सकारात्मक प्रभावों को उचित ठहराया गया है। FSCs की इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने की क्षमता (HOMA-IR पैमाने के अनुसार) जिसके परिणामस्वरूप स्थिर निरंतर मधुमेह मेलिटस क्षतिपूर्ति होती है।
निष्कर्ष: T2DM के रोगियों के जटिल उपचार में FSCs का उपयोग रोग क्षतिपूर्ति को स्थिर करता है और हाइपरइंसुलिनेमिया और कम इंसुलिन प्रतिरोध में कमी लाता है।