बिनोद पोखरेल
पर्यावरणीय कारक कृषि में फसल रोगों की बीमारी की घटनाओं और गंभीरता पर एक साथ प्रभाव डाल रहे हैं। ये दोनों पहलू विभिन्न पर्यावरणीय कारकों से प्रभावित होते हैं जैसे तापमान, मिट्टी की नमी, आर्द्रता, प्रकाश, मिट्टी के गुण (पीएच और पोषक तत्व) और वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड। मेजबान और रोगाणु पर पर्यावरणीय बाधाओं का प्रभाव फसल रोग की घटनाओं पर सकारात्मक, नकारात्मक या तटस्थ प्रभाव डालता है। कभी-कभी एकमात्र कारक अत्यधिक बीमारी की घटनाओं के लिए जिम्मेदार होता है। दूसरी ओर, विभिन्न पर्यावरणीय कारकों की परस्पर क्रिया से बीमारियों की तीव्रता बहुत अधिक हो जाती है। फसल रोग अतिसंवेदनशील मेजबान, विषैले रोगाणु और अनुकूल वातावरण के बीच तीन तरह की परस्पर क्रिया का परिणाम है। ऊंचा CO2 सांद्रता और बढ़ा हुआ तापमान पौधों की बीमारी की परस्पर क्रिया को प्रभावित करते हैं। यह समीक्षा लेख विभिन्न पर्यावरणीय कारकों और फसल रोगों के बीच संबंधों और रोग की गंभीरता को बढ़ाने या कम करने में उनकी भूमिका पर ध्यान केंद्रित करता है।