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गेहूं ( ट्रिटिकम एस्टिवम एल.) जीनोटाइप के अंकुरण और उपज पर खारे पानी की सिंचाई का प्रभाव

कुमार बी, गंगवार वी और परिहार एसकेएस

वर्तमान अध्ययन का उद्देश्य 2008-09 और 2009-10 के दौरान सीएस आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के फसल शरीर विज्ञान विभाग में सामान्य जल के साथ सिंचाई जल लवणता के पांच स्तरों अर्थात 3, 6, 9 और 12 डीएसएम-1 पर एक पॉट प्रयोग में पांच गेहूं जीनोटाइप अर्थात के-8434, के-307, एनडब्ल्यू-1014, के-88 और एचयूडब्लू-468 की सापेक्ष सहनशीलता का मूल्यांकन करना था। सिंचाई जल लवणता में वृद्धि के साथ-साथ सभी किस्मों की अनाज उपज में काफी कमी आई, लेकिन सामान्य से 12 डीएसएम-1 सिंचाई जल की लवणता तक के-8434 में न्यूनतम 40.57% और एचयूडब्लू-468 में अधिकतम 67.52% की कमी पाई गई। इसी प्रकार, 12 डीएसएम-1 ईसी लवणता तक नियंत्रित बोए गए बीजों के अंकुरण प्रतिशत में भी कमी दर्ज की गई, जो कि K-8434 में न्यूनतम 20% और HUW-468 किस्म में अधिकतम 38% थी।

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।