नागेंद्र कुमार और दिनेश चंद्र पंत
प्रस्तावित अध्ययन का उद्देश्य विभिन्न कुल ठोस सांद्रता और पूर्व उपचार विधियों का उपयोग करके चुकंदर की बायोगैस क्षमता का आकलन करना है। बिना पूर्व उपचारित सब्सट्रेट पर चुकंदर के क्षार (सोडियम हाइड्रॉक्साइड), अम्ल (हाइड्रोक्लोरिक एसिड) और यांत्रिक (कण आकार में कमी) पूर्व उपचार के प्रभाव की जांच TERI+ द्वारा विकसित द्वि-चरणीय सतत जैव डाइजेस्टर-TEAM (TERI की संवर्धित अम्लीकरण और मीथेनेशन) प्रक्रिया (50 किग्रा/दिन क्षमता) का उपयोग करके बायोगैस उत्पादन की क्षमता के लिए की गई है। चुकंदर की बायोगैस क्षमता का आकलन तीन अलग-अलग कुल ठोस (TS) सांद्रता अर्थात 5%, 7.5% और 10% का उपयोग करके एकल चरण बैच डाइजेस्टर (2 L क्षमता) में भी किया गया है। हालांकि कण आकार में कमी के प्रभाव का अध्ययन दो चरण डाइजेस्टर में भी किया गया था। 5% TS, 7.5% TS, 10% TS से भरे सिंगल फेज बैच डाइजेस्टर से बायोगैस की उपज क्रमशः 44 m 3 / टन, 58 m 3 / टन, 57 m 3 / टन सब्सट्रेट के रूप में दर्ज की गई, जबकि बिना प्रीट्रीटेड, HCl (6%; v/v) प्रीट्रीटेड और NaOH (1%; w/v) प्रीट्रीटेड शुगर बीट से उपज क्रमशः 72 m 3 / टन, 60 m 3 / टन और 61 m 3 / टन है। यांत्रिक रूप से चूर्णित बायोगैस की उपज 90 m 3 / टन होने का अनुमान है जो बिना प्रीट्रीटेड सब्सट्रेट से 25% अधिक है, वह भी छह दिनों से कम के कुल हाइड्रोलिक समय (HRT) में।