सेतुनारायणन एस.आर.
यह अनुमान लगाया गया है कि हेमटोपोइजिस में विभिन्न चक्रीय घटनाएँ [सर्कैडियन (24 घंटे) और चक्रीय हेमटोपोइजिस (चूहों में 7 दिन और मनुष्य में 21 दिन)] हेमटोपोइएटिक प्रक्रियाओं में सर्कैडियन और/या चयापचय विनियामक तंत्र की भागीदारी को दर्शाती हैं। यह भी अनुमान लगाया गया है कि डी-साइट एल्ब्यूमिन प्रमोटर बाइंडिंग प्रोटीन (डीबीपी), एक (सर्कैडियन) क्लॉक नियंत्रित जीन (सीसीजी) ऐसी घटनाओं के समन्वय में भूमिका निभा सकता है। यह पाया गया है कि डीबीपी एचआईएफ-1, एनएफ-केबी और एपी-1 परिवारों जैसे ट्रांसक्रिप्शनल विनियामकों की गतिविधि को सक्रिय और बाधित दोनों कर सकता है। डीबीपी स्वयं सिग्नलिंग अणुओं - प्रोलाइन-समृद्ध टायरोसिन किनेज 2 (पीवाईके2), और दोहरी-विशिष्टता याक1-संबंधित टायरोसिन किनेज 3 (डीवाईआरके3) के लिए एक लक्ष्य प्रतीत होता है। आगे के साक्ष्य डीबीपी गतिविधि के विनियमन में सीरम-ग्लूकोकोर्टिकोइड विनियमित किनेज-1 (एसजीके1), प्रोटीन किनेज सी (पीकेसी) और ग्लाइकोजन सिंथेस किनेज (जीएसके3) की संभावित भूमिकाओं को इंगित करते हैं। ये अवलोकन वास्तव में हेमटोपोइएटिक पूर्वजों के अस्तित्व, प्रसार और भेदभाव के विनियमन में डीबीपी की संभावित भूमिका के अनुरूप होंगे।