सिरिसा कार्की, समीर तिमिल्सिना और साबित्री शर्मा
परिचय: दर्द निवारक देखभाल के रोगियों में दर्द प्रबंधन की आधारशिला मॉर्फिन रही है। नेपाल के अधिकांश तृतीयक देखभाल केंद्रों में ओपिओइड की आसान पहुंच और उपलब्धता ने दर्द निवारक रोगियों के एक बार असंभव समझे जाने वाले मौलिक अधिकार को संभव बना दिया है। मॉर्फिन की उपलब्धता ने न केवल दर्द निवारक रोगियों के दर्द को कम किया है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को भी समान रूप से कम किया है। दर्द प्रबंधन के मुख्य आधार ने अपनी सफलता हासिल की है, लेकिन शुष्क मुँह, बेहोशी, अधूरे स्वास्थ्य की भावना और कम प्रतिरक्षा समारोह जैसी कई व्यक्तिपरक शिकायतें अक्सर सुनी जाती हैं। वर्तमान अध्ययन का उद्देश्य दर्द निवारक देखभाल रोगियों में पूर्ण रक्त गणना प्रोफ़ाइल पर मॉर्फिन के प्रभावों का मूल्यांकन करना है।
विधियाँ: 24-48 घंटे और 14 दिनों के मॉर्फिन प्रशासन के बाद एक स्वचालित हेमटोलॉजी विश्लेषक का उपयोग करके 114 उपशामक रोगियों की पूर्ण रक्त गणना का अनुमान लगाया गया था। डेटा को एक पूर्वनिर्मित प्रोफ़ॉर्मा का उपयोग करके रिकॉर्ड किया गया था और SPSS (20) का उपयोग करके विश्लेषण किया गया था।
परिणाम: मॉर्फिन प्रशासन के बाद कुल श्वेत रक्त कोशिका गणना, न्यूट्रोफिल और प्लेटलेट गणना में सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, लेकिन लिम्फोसाइट गणना में कमी आई (पी0.05)।
निष्कर्ष: पाया गया है कि पैलिएटिव रोगियों में मॉर्फिन कुल श्वेत रक्त कोशिकाओं, न्यूट्रोफिल और लिम्फोसाइट्स तथा एनएलआर को प्रभावित करता है। हालांकि, पैलिएटिव रोगियों में मॉर्फिन को रोकना कभी भी एक विकल्प नहीं है। इसके अलावा, पैलिएटिव रोगियों में एनएलआर और पीएलआर के पूर्वानुमानित मूल्य का विश्लेषण करने के लिए बड़े यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण आवश्यक हैं।