समीन नाज़ ज़ुबेरी* और सैय्यदा गुफराना नदीम
आधुनिक युग में युवाओं में कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग बढ़ गया है, खासकर महिलाओं में, जिनमें नेत्र संक्रमण का जोखिम अधिक है। वर्तमान शोध में 22 कॉन्टैक्ट लेंस एक्सेसरीज के नमूनों (कॉन्टेक्ट लेंस, कॉन्टैक्ट लेंस स्टोरेज किट और कॉन्टैक्ट लेंस सॉल्यूशन) के जीवाणु विज्ञान विश्लेषण और बायो-फिल्म बनाने की क्षमता का अध्ययन किया गया है। पृथक बैक्टीरिया में कोरिनेबैक्टीरियम एसपीपी, एस. ऑरियस, कोगुलेज़ नेगेटिव स्टैफिलोकोकस, बैसिलस एसपीपी और स्ट्रेप्टोकोकस एसपीपी शामिल हैं। बायो-फिल्म बैक्टीरिया के संक्रमण का मुख्य कारण है। इन बैक्टीरिया के आइसोलेट्स की बायो-फिल्म बनाने की क्षमता का अध्ययन कांगो रेड अगर विधि और ट्यूब विधि द्वारा किया जाता है। टेस्ट ट्यूब विधि में सबसे अच्छे परिणाम देखे गए। परिणाम बैक्टीरिया के रोगजनन पर आगे के शोध को जारी रखने के साथ-साथ रोगियों को उचित कॉन्टैक्ट लेंस प्रक्रियाओं के साथ मार्गदर्शन करने की पहल करते हैं, जिससे उम्मीद है कि नेत्र संक्रमण की घटनाओं में कमी आएगी। बायो-फिल्म की रोकथाम और नियंत्रण के लिए आधुनिक दृष्टिकोण विभिन्न रोगों के उन्मूलन में मदद करेंगे। शोध का मुख्य उद्देश्य कॉन्टैक्ट लेंस एक्सेसरीज के पृथक रोगजनकों और उनकी बायो-फिल्म बनाने की क्षमता का अध्ययन करना है।