जसोथरन वी, ब्यूमी सलूजा एन, फातिमा नहथिया एफएच, अरुलानंडेम के और पार्थिएपन ए
उद्देश्य: श्रीलंका में दुनिया में मौखिक कैंसर के सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं। अध्ययन का उद्देश्य मौखिक कैंसर के साथ जोखिम कारकों के संबंध की जांच करना है।
सामग्री और विधियाँ: इस अध्ययन के लिए बट्टिकलोवा जिले के 596 व्यक्तियों की जांच साक्षात्कारकर्ता द्वारा प्रश्नावली के माध्यम से डेटा संग्रह के लिए समय सीमा के भीतर बहुस्तरीय क्लस्टर नमूनाकरण तकनीक का उपयोग करके की गई थी।
परिणाम और चर्चा: इन 596 में से 63.42% (संख्या 378) पुरुष हैं। साक्षात्कार किए गए लोगों में से 2% (संख्या 11) को मौखिक कैंसर होने की सूचना मिली है। मौखिक कैंसर के कुल पीड़ितों की संख्या का 91% (संख्या 10) ग्रामीण क्षेत्र से हैं। मौखिक कैंसर वाले 63.64% (संख्या 7) 61-75 वर्ष की आयु के हैं। सेक्स और मौखिक कैंसर के बीच संबंध के बारे में कोई स्पष्ट संकेत नहीं है। 30.20% (संख्या 180) को तंबाकू सेवन की आदत है और जिनमें से केवल 5% (संख्या 7) को मौखिक कैंसर होने की पहचान की गई। मौखिक कैंसर के पीड़ितों में चबाना लोकप्रिय तरीका है [77.78% (संख्या 7)]। 32.38% (संख्या 193) को बीटल चबाने की आदत है। 81.82% (संख्या 9) मौखिक कैंसर के रोगियों को बीटल चबाने की आदत है। 90.67% (संख्या 175) लोग एक या एक से अधिक अन्य पदार्थों जैसे चूना, सुपारी और तंबाकू का उपयोग एक साथ करते हैं। 66.67% (संख्या 6) मौखिक कैंसर के रोगियों में रात को सोते समय चबाने की यही आदत है। यह ध्यान दिया जाता है कि मौखिक कैंसर वाले 100% (संख्या 6) लोग जो रात में सोते समय बीटल चबाते हैं, बीटल का गूदा अपने दाढ़ के पास रखते हैं। 11 मौखिक कैंसर पीड़ितों में से 3 (27.27%) सहित 32.21% (संख्या 192) लोगों को शराब पीने की आदत है ।
निष्कर्ष: 61-75 वर्ष की आयु के लोगों में मौखिक कैंसर आम है। तंबाकू का सेवन और बीटल चबाना मौखिक कैंसर के सबसे बड़े कारण हैं।