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नाइजीरिया में लोकतंत्रीकरण और सेना: चौथे गणराज्य और उसके बाद स्थायी नागरिक-सैन्य संबंधों का मामला

ओसाबिया बाबाटुंडे

यह शोधपत्र नाइजीरिया की ऐतिहासिक और सामाजिक-राजनीतिक वास्तविकता के संदर्भ में सेना और लोकतंत्र की जांच करता है। नाइजीरिया की स्थायी लोकतांत्रिक परंपरा को बढ़ावा देने में असमर्थता देश के लिए नकारात्मक परिणाम है। नाइजीरिया में लोकतंत्र और इसलिए विकास की खोज सैन्यवाद के विघटनकारी प्रभावों से बाधित हुई है। सेना का सत्ता के प्रति प्रेम आंशिक रूप से धन के प्रति प्रेम और आंशिक रूप से देश के स्वतंत्र और कॉर्पोरेट अस्तित्व के संरक्षक के रूप में उसकी आत्म-छवि से उपजा है। यदि नाइजीरिया में लोकतांत्रिक परंपरा को कायम रखना है, तो सैन्यवाद के मुद्दे से निपटने के लिए संवैधानिक और नीतिगत उपाय अपनाए जाने चाहिए।

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।