गिरीश आर नायर और सुरेश एसएस राजा
ओमिक्स सूक्ष्मजीव समुदायों से सूचना के हर पहलू को निकालने के लिए मजबूत कम्प्यूटेशनल विश्लेषण के साथ उच्च-थ्रूपुट तकनीकों के एक समूह का उपयोग करता है, जिससे उनके जीनोम, मेटाजीनोम, ट्रांसक्रिप्टोम, प्रोटिओम और मेटाबोलोम तक पहुँच मिलती है। पिछले 5-10 वर्षों में ओमिक्स ने विभिन्न वातावरणों से अज्ञात सूक्ष्मजीवों के अलगाव और लक्षण वर्णन से जुड़ी कई चुनौतियों पर काबू पाकर सूक्ष्मजीव पारिस्थितिकी और विविधता के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। बढ़ती तकनीकी प्रगति के साथ ओमिक्स मेटाबोलोमिक्स और कल्चरोमिक्स जैसे अध्ययन के नए क्षेत्रों को शामिल करके तेजी से बढ़ रहा है और इसे नए युग के ओमिक्स के रूप में संदर्भित किया जा सकता है। नए युग के ओमिक्स पैकेज में पता लगाने और विश्लेषण की बेजोड़ तकनीकें शामिल हैं जिनका उपयोग मिट्टी के माइक्रोबायोटा का अध्ययन करने के लिए किया जा सकता है, जिसे कभी एक चुनौतीपूर्ण कार्य माना जाता था। वर्तमान समीक्षा कालानुक्रमिक वैज्ञानिक खोजों का सारांश देती है जिसने मिट्टी के सूक्ष्मजीवों के अध्ययन में योगदान दिया और ओमिक्स पद्धतियों और मिट्टी के सूक्ष्मजीव पारिस्थितिकी में इसके महत्व से परिचित कराती है।