नवनीत श्योकंद1*, मोहिंदर पनवार2, मनब कोसला2, ओलिवर जैकब3, सुमिधा बंसल4, उदय सूर्यकांत5, ललित जंजानी6
परिचय: मसूड़ों की गिरावट सहित पीरियडोंटल बीमारियों से पीड़ित रोगियों में पीरियडोंटल समस्याओं को उपचार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इस अध्ययन का उद्देश्य 3 वर्षों की अवधि में मिलर के वर्ग I और II मंदी साइटों के 40 साइटों में कोरोनाली एडवांस्ड फ्लैप (CAF) के साथ प्लेटलेट रिच फाइब्रिन (PRF) के साथ कोरोनली एडवांस्ड फ्लैप (CAF) के साथ कनेक्टिव टिशू ग्राफ्ट (CTG) की तुलना करना था।
सामग्री और विधियाँ: अध्ययन के लिए 40 द्विपक्षीय मिलर के वर्ग I और वर्ग II मसूड़े की गिरावट के मामलों का चयन किया गया और उन्हें दो समूहों में विभाजित किया गया। समूह A का उपचार PRF और CAF से किया गया जबकि समूह B का उपचार CTG और CAF से किया गया। निम्नलिखित नैदानिक मापदंडों अर्थात, गिरावट की गहराई में परिवर्तन, जांच की गहराई में परिवर्तन, नैदानिक लगाव स्तर में परिवर्तन, केराटिनाइज्ड मसूड़े की चौड़ाई में परिवर्तन का मूल्यांकन सर्जरी के 3, 6 और 36 महीने बाद किया गया।
परिणाम: 1. समूह ए में 71.00% रूट कवरेज दिखा जबकि समूह बी में यह 83.33% था। समूह बी के विषयों ने समूह ए की तुलना में रूट कवरेज की चिकित्सकीय रूप से उच्च और सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण मात्रा दिखाई। 2. समूह बी केराटिनाइज्ड ऊतक लाभ के संदर्भ में बेहतर नैदानिक परिणामों से जुड़ा था।
निष्कर्ष: वर्तमान अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला है कि सीएएफ के साथ सीटीजी, सीएएफ के साथ पीआरएफ की तुलना में रूट कवरेज प्रक्रिया के लिए बेहतर विकल्प है।