एडयेरी ओई, इशोला केए और ओकोगब्यू ईसी
आवास विकास और सड़क निर्माण, तेल और गैस अन्वेषण, आर्थिक विकास और जनसांख्यिकीय परिवर्तन जैसी मानवजनित गतिविधियों के कारण उत्पन्न दबाव ने नाइजीरिया के तटीय क्षेत्रों में कई पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना किया है। इन चुनौतियों में से एक बाढ़ की घटनाएँ हैं, जिनके कारण हाल ही में इन क्षेत्रों में संपत्तियों और जान-माल का नुकसान हुआ है। यह अध्ययन भू-स्थानिक तकनीकों का उपयोग करके बदलती जलवायु में बाढ़ के खतरे के लिए नाइजीरिया के तटीय क्षेत्र की संवेदनशीलता की जांच और भविष्यवाणी करता है। उपयुक्त एल्गोरिदम का उपयोग करके 2015 के स्थलाकृतिक मानचित्र और मॉडरेटरेज़ोल्यूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रोरेडियोमीटर (MODIS) छवि को संसाधित, डिजिटाइज़, इंटरपोलेशन, वर्गीकृत और ओवरले किया गया। MODIS इमेजरी को पर्यवेक्षित अधिकतम संभावना योजना का उपयोग करके उपयुक्त भूमि कवर वर्गों में वर्गीकृत किया गया था। परिणामों से पता चला कि गिनी तट के किनारे बसे क्षेत्र बाढ़ के खतरों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं, तथा क्षेत्र के उत्तरी और पूर्वी भाग की ओर संवेदनशीलता की डिग्री कम होती जाती है। इन क्षेत्रों को दलदल (जल-लॉग) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें पानी का कम प्रतिधारण होता है, जो तटीय बाढ़ के खतरों की उच्च संवेदनशीलता को जन्म देता है। अध्ययन में पाया गया कि बाढ़ जोखिम मानचित्र का उपयोग एहतियाती उपायों, प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में किया जा सकता है, तथा इसके परिणामस्वरूप बाढ़ की घटनाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।