अहमद बौसिफ, खदीदजा मदनी, अबाउद बौल्काबौल और खालिद स्लिमानी
यह अध्ययन क्रोनिक प्रोस्टेटाइटिस (सीपी) से पीड़ित कुत्ते से नैदानिक, अल्ट्रासाउंडोग्राफिक और जीवाणु संबंधी निष्कर्षों की रिपोर्ट करता है। मूत्र संबंधी समस्या से पीड़ित दस वर्षीय बर्जर डे ल'एटलस कुत्ते को परामर्श के लिए टायरेट पशु चिकित्सा विज्ञान संस्थान के कैनाइन नैदानिक विकृति विज्ञान में लाया गया था। डिजिटल रेक्टल परीक्षा (डीआरई) सीपी स्क्रीनिंग के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पहला नैदानिक परीक्षण था। प्रोस्टेट की मात्रा निर्धारित करने के लिए क्लासिक दीर्घवृत्ताकार सूत्र पर्याप्त था। रेक्टल पैल्पेशन और अल्ट्रासाउंड पर आधारित प्रोस्टेट की नैदानिक जांच में दर्द के किसी भी लक्षण के बिना प्रोस्टेटिक हाइपरट्रॉफी का पता चला। अल्ट्रासाउंड मार्गदर्शन में एस्पिरेटेड मूत्र और प्रोस्टेटिक द्रव धुंधला हो रहा है। उदर अल्ट्रासाउंड से मापी गई प्रोस्टेट मात्रा में अनुमानित वृद्धि 25.04 सेमी3 थी