रिचर्ड मर्डोक मोंटगोमरी*
द्विध्रुवी विकार (BD) एक जटिल मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें उन्माद और अवसाद की बारी-बारी से अवधि होती है। यह समीक्षा BD का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करती है, जो इसके आनुवंशिकी, कारण संबंधी परिकल्पनाओं, नैदानिक संकेतों और विकास, इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राफी (EEG) और उपचार विकल्पों पर जोर देने के साथ संभावित बायोमार्कर पर ध्यान केंद्रित करती है। आनुवंशिक अध्ययनों ने कई संवेदनशीलता जीन और पॉलीजेनिक जोखिम स्कोर की पहचान की है, जो BD की वंशानुगत प्रकृति को उजागर करते हैं। मोनोमाइन डिसरेग्यूलेशन, किंडलिंग, सर्कैडियन लय व्यवधान और न्यूरोइन्फ्लेमेशन सहित विभिन्न कारण संबंधी परिकल्पनाओं को इसके पैथोफिज़ियोलॉजी को समझाने के लिए प्रस्तावित किया गया है। BD के नैदानिक पाठ्यक्रम में उन्माद/हाइपोमेनिया और अवसाद के आवर्ती एपिसोड की विशेषता होती है, जिसमें व्यक्तियों के बीच महत्वपूर्ण विविधता होती है। EEG और अन्य बायोमार्कर निदान में सुधार, उपचार प्रतिक्रिया की भविष्यवाणी करने और BD के न्यूरोबायोलॉजिकल आधारों को स्पष्ट करने की क्षमता रखते हैं। वर्तमान उपचार विकल्पों में फार्माकोथेरेपी, मनोचिकित्सा और न्यूरोमॉड्यूलेशन तकनीकें शामिल हैं, जिन्हें नैदानिक प्रस्तुति और उपचार की प्रतिक्रिया के आधार पर व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित किया जा सकता है। भावी अनुसंधान में अधिक विशिष्ट बायोमार्करों की पहचान करने, नवीन उपचारों को विकसित करने तथा बी.डी. से पीड़ित व्यक्तियों के लिए परिणामों में सुधार लाने हेतु मौजूदा उपचारों को अनुकूलित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।