मिशाल लियाकत, अदनान याकूब, सिदरा नदीम, इरम लियाकत
चिकित्सा नैतिकता में स्वायत्तता को प्रमुख सिद्धांत माना जाता है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं (HCP) को लगभग हर स्थिति में मरीजों की स्वायत्तता का सम्मान करना अनिवार्य है। भले ही मरीज ऐसे फैसले लें जो उनके जीवन को खतरे में डाल सकते हैं। यह बच्चों के मामले में विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है, जहां मुख्य निर्णयकर्ता माता-पिता होते हैं। यह शोध ऐसी स्थितियों की पहचान करता है, जिसमें माता-पिता की अपने बच्चे की ओर से निर्णय लेने की स्वायत्तता और बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए परोपकार के बीच टकराव होता है। इस स्थिति में एक सवाल यह उठता है कि माता-पिता की स्वायत्तता का सम्मान करना सही है या नहीं, लेकिन HCP अपने मरीजों के सर्वोत्तम हित में ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।