इसाबेला क्रिवेलारो गोंकाल्वेस, क्लाउडिया रेजिना फुरकिम डी एंड्रेड और कार्ला जेंटाइल माटस
उद्देश्य: वर्तमान वैज्ञानिक साक्ष्य इस परिकल्पना का समर्थन करते हैं कि हकलाने वाले लोगों के बाएं गोलार्ध के श्रवण क्षेत्रों में असामान्य कनेक्शन होते हैं। इस प्रकार, यह मानना उचित है कि श्रवण प्रेरित क्षमताओं में असामान्य परिणाम इस प्रकार के विकार से संबंधित हो सकते हैं। वर्तमान अध्ययन में, हकलाने वाले बच्चों (CWS) में संभावित तंत्रिका समकालिकता घाटे की जांच करने के लिए विभिन्न जटिलताओं की उत्तेजनाओं का उपयोग करके श्रवण मस्तिष्क स्टेम प्रतिक्रिया (ABR) दर्ज की गई थी।
विधियाँ: सात से 11 वर्ष की आयु के दस सी.डब्लू.एस. तथा उनके गैर-हकलाने वाले साथियों (सी.डब्लू.एन.एस.) का इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल (भाषण और क्लिक-प्रेरित ए.बी.आर.) मूल्यांकन किया गया।
परिणाम: सीडब्ल्यूएस ने विलंबता मूल्यों में अधिक परिवर्तनशीलता दिखाई, साथ ही क्लिक-उत्प्रेरित एबीआर में इंटरपीक I-III के लिए दाएं और बाएं कानों के बीच अंतर के संबंध में महत्व की ओर एक सांख्यिकीय प्रवृत्ति भी दिखाई। भाषण-उत्प्रेरित एबीआर में, तरंग सी के विलंबता मूल्य और वीए कॉम्प्लेक्स का आयाम सीडब्ल्यूएस में काफी अधिक था।
निष्कर्ष: परिणामों से पता चलता है कि सामान्य रूप से विकसित हो रहे बच्चों की तुलना में, सी.डब्ल्यू.एस. में ध्वनिक सूचना के प्रसंस्करण से संबंधित तंत्रिका प्रक्रियाओं में अंतर पाया जाता है, विशेषकर जब भाषण जैसे अधिक जटिल उत्तेजनाओं पर विचार किया जाता है।